मुस्लिम धर्मगुरु तौकीर रजा द्वारा घोषित बड़े विरोध प्रदर्शन से पहले एहतियात के तौर पर पुलिस ने धारा-144 के तहत कर्फ्यू लगा दिया है. प्रशासन ने कहा कि कर्फ्यू अवधि के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पांच से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी.
नई दिल्ली: प्रशासन ने कानपुर हिंसा के बाद बरेली जिले में स्थिति को बिगड़ते देख तीन जुलाई तक कर्फ्यू लगा दिया है. माना जा रहा है कि कानपुर हिंसा के बाद 10 जून को मुस्लिम धर्मगुरु तौकीर रजा द्वारा घोषित बड़े विरोध प्रदर्शन से पहले एहतियात के तौर पर पुलिस ने धारा-144 के तहत कर्फ्यू लगा दिया है. प्रशासन ने कहा कि कर्फ्यू अवधि के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पांच से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी. इस दौरान धरना प्रदर्शन पर भी रोक रहेगी. शुक्रवार को कानपुर में भड़की हिंसा के बाद वहां जैसी किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए प्रशासन ने ये कदम उठाया है.
दो समूहों के बीच हुई थी हिंसक झड़प
आपकी जानकरी के लिए बता दें कि कानपुर में शुक्रवार को कथित तौर पर बाजार बंद कराने को लेकर दो समूहों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इसी दौरान दो समुदायों के बीच जमकर पत्थरबाजी हो गई. स्थिति तनावपूर्ण होते देख कानपुर में यतीम खाना और परेड चौराहे के बीच स्थित इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. झड़प में दो लोग और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.

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पुलिस ने कहा कि हिंसा तब शुरू हुई जब कुछ लोगों ने दूसरे समूह द्वारा विरोध करने के बावजूद दुकानों को बंद कराने की कोशिश की. राज्य पुलिस ने शनिवार को कहा कि कानपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी हयात जाफर हाशमी को तीन अन्य मास्टरमाइंड के साथ गिरफ्तार किया गया है.
रासुका के तहत दर्ज होगा मामला
कानपुर के पुलिस आयुक्त वीएस मीणा ने कहा कि आरोपियों पर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा, जबकि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और अन्य जैसे समूहों की संभावित भूमिका की जांच की जा रही है. अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त या ध्वस्त की जाएगी.
