Crude Oil के दाम गिरकर 100 डॉलर पर पहुंचे, तेल का मूल्य गिरने के बाद कीमत में आ सकती है गिरावट!

07 Jul, 2022
Sachin
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WTI क्रूड में 8 फीसदी और ब्रेंट क्रूड में  9 फीसदी की गिरावट आई थी. वहीं, SPI परिसंपत्ति प्रबंधन के मैनेजिंग पार्टनर स्टीफन इनेस ने कहा है कि उत्पादन, खपत और चिंताओं के चलते तेल की कीमतों में गिरावट आई है.

नई दिल्ली: एक ओर जहां देश में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार स्थिर चल रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर अन्तराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल नरमी दिखा रहा है. इस साल की शुरुआत में 124 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छूने के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल में काफी नरमी आई है. कच्चा तेल गिरकर आखिरकार 100 डॉलर के करीब आया है. बुधवार यानी 6 जुलाई को ब्रेंट क्रूड थोड़ी देर के लिए 100 डॉलर से नीचे गिरकर 98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था. लेकिन 7 जुलाई यानी गुरुवार को यह फिर से 100 डॉलर के ऊपर पहुंचने में कामयाब रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अप्रैल, 2022 के बाद पहली बार 100 डॉलर के नीचे आया है.

इंडियन बास्केट की औसत कीमत

अगर इंडियन बास्केट की बात करें तो पेट्रोलियम मंत्रालय के की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 जुलाई क्रूड ऑयल (इंडियन बास्केट की कीमत) औसतन 111.36 डॉलर प्रति बैरल पर थी. वहीं, 25 अप्रैल को इसकी कीमत 76.74 रुपए के एक्सचेंज रेट पर 99.17 डॉलर प्रति बैरल थी. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में इंडियन बास्केट की कीमत 102.97, मई में 109.51 और जून में 116.01 डॉलर पहुँच गई थी.

उत्पादन और खपत की चिंता बढ़ी

इससे पहले मंगलवार को  WTI क्रूड में 8 फीसदी और ब्रेंट क्रूड में  9 फीसदी की गिरावट आई थी. वहीं, SPI परिसंपत्ति प्रबंधन के मैनेजिंग पार्टनर स्टीफन इनेस ने कहा है कि उत्पादन, खपत और चिंताओं के चलते तेल की कीमतों में गिरावट आई है. बाजार के सूत्रों की मानें तो बुधवार के आंकड़े बताते हैं कि पिछले सप्ताह अमेरिकी कच्चे तेल के स्टॉक में लगभग 3.8 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई है, जबकि गैसोलीन का स्टॉक 1.8 मिलियन बैरल घटा है. 

मंगलवार को  WTI क्रूड में 8 फीसदी और ब्रेंट क्रूड में  9 फीसदी की गिरावट आई है

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पेट्रोल-डीजल पर ऐसे होता है असर

रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली थी. इस दौरान क्रूड की कीमत साल 2008 के अपने उच्चतम स्तर को छूते हुए 139 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंच गई थी. हालांकि, इसके बाद इसकी कीमत में कमी आई और अब फिर से क्रूड आयल 100 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है. विशेषज्ञों की माने तो, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगर कच्चे तेल की कीमतों में एक डॉलर का इजाफा होता है, तो भारत में पेट्रोल-डीजल का दाम 50 से 60 पैसे बढ़ जाता है. इसी तरह से अगर क्रूड का दाम गिरता है, तो पेट्रोल-डीजल के भाव में कमी की संभावना भी बढ़ जाती है.  

Edited By: Deshhit News

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