दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में स्थित 42 साल पुराने श्री वैष्णो माता मंदिर को लेकर इन दिनों विवाद चल रहा है।
विवाद की शुरुआत:
- कुछ ही दिनों पहले मंदिर में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा था। इसी दौरान एमसीडी के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर काम रोक दिया और निर्माण कार्य को अवैध बताया। पुलिस ने भी एमसीडी का साथ दिया और निर्माण रोकने का दबाव बनाया।नतीजतन, मंदिर का सौंदर्यीकरण रोक दिया गया और पहले से किए गए निर्माण को भी तोड़ दिया गया।
प्रशासन का रुख:
- प्रशासन का कहना है कि मंदिर सार्वजनिक भूमि पर बना है और अवैध निर्माण है। उनका तर्क है कि मंदिर को हटाकर यहां सार्वजनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
- प्रशासन ने मंदिर के लोगों को एक महीने का समय दिया है कि वे खुद ही मंदिर को तोड़ लें, वरना एक महीने बाद प्रशासन इसे तोड़ देगा।
स्थानीय लोगों का विरोध:
- स्थानीय लोग मंदिर तोड़ने के प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिर 42 साल से यहां मौजूद है और लोग उसकी पूजा करते आ रहे हैं। लोगों का यह भी आरोप है कि इलाके में अवैध गतिविधियां धड़ल्ले से चल रही हैं, लेकिन उन पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है। मंदिर के लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि मंदिर को न तोड़ा जाए।
आगे क्या होगा?
- यह देखना बाकी है कि क्या मंदिर के लोग एक महीने के अंदर मंदिर को तोड़ देते हैं या फिर प्रशासन अपना फैसला लागू करता है। इस मामले में स्थानीय लोगों का विरोध भी बढ़ता जा रहा है।
यह मामला धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक भूमि के उपयोग के अधिकार को लेकर कई सवाल खड़े करता है।
राजधानी दिल्ली से रोनित मौर्य की रिपोर्ट