अब इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर आक्रामक हो गया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सारनाथ स्थित अशोक के स्तंभ पर शेरों के चरित्र और प्रकृति को पूरी तरह से बदल देना भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है.
नई दिल्ली: नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक यानि अशोक स्तंभ का प्रधामंत्री द्वारा अनावरण किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर राष्ट्रीय प्रतीक के मूल स्वरूप को बदलने का आरोप लगाने के बाद मांग की है कि इसे तत्काल प्रभाव से बदला जाए. विपक्षी पार्टिंयों का कहना है कि अशोक के शेरों में की जो भाव-भंगिमाएं वो बहुत मोहक और राजसी शान वाले हैं लेकिन शेरों में उग्रता चित्रण किया गया है.
कांग्रेस ने कहा राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान
अब इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर आक्रामक हो गया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सारनाथ स्थित अशोक के स्तंभ पर शेरों के चरित्र और प्रकृति को पूरी तरह से बदल देना भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है. वहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने अशोक स्तंभ को लेकर कहा कि, एक ऐसा फंक्शन जहाँ राष्ट्रीय प्रतीक का उद्घाटन करने के लिए सरकार के अलावा किसी भी विपक्ष को नहीं बुलाना भर्त्सना योग्य है. सिंघवी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय चिह्न पर सत्यमेव जयते लिखा हुआ भी कहीं नहीं दिख रहा है, इसे अभी भी ठीक किया का सकता है. उन्होंने कहा राष्ट्रीय चिह्न हमेशा आपने देखा होगा की पदासीन व्यक्ति के पीछे होता है. अशोक स्तंभ पर हमेशा सत्यमेव जयते लिखा रहता है.
इतहास हबीब ने भी उठाए सवाल
इतिहासकार एस. इरफान हबीब ने भी नए संसद भवन की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के साथ छेड़छाड़ पूरी तरह अनावश्यक है और इससे सरकार को बचना चाहिए था. हमारे शेर अति क्रूर और बेचैनी से भरे क्यों दिख रहे हैं? ये अशोक की लाट के शेर हैं जिसे 1950 में स्वतंत्र भारत में अपनाया गया था.

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वरिष्ठ वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा, गांधी से गोडसे तक, शान से और शांति से बैठे हमारे शेरों वाले राष्ट्रीय प्रतीक से लेकर सेंट्रल विस्टा में निर्माणाधीन नए संसद भवन की छत पर लगे उग्र तथ दांत दिखाते शेरों वाले नए राष्ट्रीय प्रतीक तक. ये मोदी का नया भारत है.
लालू प्रसाद ने कहा शेरों की अभिव्यक्ति हल्की होती है
वहीं राष्ट्रीय चिह्न को लेकर लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल ने भी सवाल खड़े किए हैं. RJD की ओर से एक आधिकारिक ट्वीट किया गया है इसमें, “राष्ट्रीय प्रतीक में शेरों की अभिव्यक्ति हल्की होती है, लेकिन जो नई मूर्ति पर हैं उनमें “नरभक्षी प्रवृत्ति” दिखाई देती है.
टीएमसी सांसद ने उठाए सवाल
TMC सांसद जवाहर सरकार ने भी इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि ये हमारे राष्ट्रीय चिह्न का अपमान है. असली तस्वीर लेफ्ट में है. वहीं सीधे हाथ में मोदी वर्जन है. जिसे नई संसद बिल्डिंग के ऊपर लगाया गया है. ये अनावश्यक रूप से आक्रमक है. उसे तुरंत बदला जाए. वहीं टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा ने भी इस विवाद पर ट्वीट किया है. मोइत्रा ने अशोक स्तंभ की एक पुरानी और नई तस्वीर शेयर की है.
Edited By: Deshhit News