सिंगापुर के प्रधानमंत्री का भारत को Nehru’s India कहने पर चढ़ा राजनैतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर. भारत सरकार ने भी सिंगापुर पीएम के बयान पर जताई घोर आपत्ति।
सिंगापुर की संसद में बहस के दौरान वहां के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए कुछ ऐसा कह दिया, जिससे भारत में अब सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. दरअसल मंगलवार, यानी 15 फरवरी को सिंगापुर के पीएम ने संसद में भारत को Nehru’s India (यानी नेहरू का भारत) कह कर संबोधित किया और भारत के सांसदों पर टिप्पणी की।

पीएम ली ने कहा: “मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज नेहरू का भारत एक ऐसा भारत बन गया है जहां लोकसभा के करीब आधे सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें रेप और हत्या जैसे गंभीर मामले भी शामिल हैं. हालांकि ऐसा भी कहा जाता है की इनमें से ज्यादातर मामले राजनीति से प्रेरित हैं.”

पीएम ली के बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जम के शेयर होने लगा और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने लगे. मामला बढ़ा तो फिर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए सिंगापुर के पीएम द्वारा दिए गए बयान को अनावश्यक बताया है. जिसके बाद खबर यह भी है की भारत सरकार ने इस बयान को लेकर सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग को भी तलब किया है और अब भारत इस मुद्दे को गंभीरता से भी ले रहे हैं।

आपको बता दें की इस बयान को लेकर अब भारत में सरकार और विपक्ष के लोग भी आमने सामने खड़े हो गया हैं, एक तरफ जहां विपक्ष के लोग इस पीएम ली के बयान का समर्थन कर नेहरू को भारत की पहचान बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ सरकार के लोग नेहरू के कार्यकाल पर प्रश्नचिन्ह भी उठा रहे हैं।
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सबसे पहले इस बयान पर अपनी टिप्पणी दी कांग्रेस की पूर्व नेत्री और वर्तमान में शिव सेना से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने, उन्होंने कहा: “मैं कल्पना कर सकती हूं कि विदेश मंत्रालय सिंगापुर के प्रधानमंत्री द्वारा अपने भाषण में नेहरू के भारत के विचार को याद करने पर इतना नाराज हो गया कि उच्चायुक्त को बुलाया गया था। इससे हर बार भारत के पहले पीएम को बदनाम करने के भारत सरकार के आख्यान को ठेस पहुंची है। वो चाहते हैं कि दुनिया उन्हें भूल जाए, लेकिन मुश्किल है।”
वहीं दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने कहा: “सिंगापुर के पीएम को पढ़ना चाहिए कि नेहरू के दामाद फिरोज गांधी ने अपनी सरकार में भ्रष्टाचार और आपराधिकता के बारे में क्या कहा. ससुर का जवाब? “माननीय पुरुषों को यहां-वहां थोड़े से भ्रष्टाचार की चिंता नहीं करनी चाहिए” विडंबना यह है कि अब भारत अंततः ली कुआन यू का अनुकरण करने के लिए नेहरू को छोड़ रहा है.”