Chitra Singh Death News: मानवेंद्र सिंह के सियासी सफर में भी बराबर की भागीदार थीं चित्रा सिंह, ससुर जसवंत सिंह से कैसे मिली राजनैतिक सोच

31 Jan, 2024
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बाड़मेर/जयपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह की पुत्रवधू और कर्नल मानवेंद्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह का मंगलवार 30 जनवरी को सड़क हादसे में निधन हो गया। इस हादसे में चित्रा सिंह के पति मानवेंद्र सिंह और पुत्र हमीर सिंह भी घायल हो गए। मानवेंद्र सिंह और हमीर सिंह खतरे से बाहर हैं लेकिन चित्रा सिंह के जाने से पूरा मारवाड़ गमगीन हो गया है। स्वर्गीय चित्रा सिंह ने कभी चुनाव तो नहीं लड़ा लेकिन वे राजनीतिक सूझबूझ की धनी थी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वे अपने ससुर जसवंत सिंह के चुनाव प्रचार में उतरी। बाद में हर चुनाव में सक्रिय रहीं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने अपने पति मानवेंद्र सिंह जसोल के चुनाव प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

स्वर्गीय चित्रा सिंह को अपने ससुर जसवंत सिंह से मिली राजनैतिक सोच

स्वर्गीय चित्रा सिंह को अपने ससुर जसवंत सिंह से राजनैतिक सीख मिली थी। एक बार उन्होंने कहा था कि दादा हुकुम (जसवंत सिंह जसोल) जब लोकसभा चुनाव में हार गए थे। तब चित्रा सिंह ने उनसे कहा कि अब हमें राजनीति नहीं करनी चाहिए। इस पर जसवंत सिंह ने चित्रा सिंह से कहा कि अगर हम राजनीति छोड़ देंगे तो मारवाड़ के भोले भाले लोग किनके पास जाएंगे। लोगों को उनके परिवार से काफी उम्मीदें हैं। हर व्यक्ति की पहुंच दिल्ली तक नहीं होती। ऐसे में हमें जनता की सेवा करते रहना चाहिए। जसवंत सिंह की इन पंक्तियों से चित्रा सिंह को सोच बदल दी और वे चुनाव में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने लगीं।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से स्वर्गीय चित्रा सिंह राजनीति में सक्रिय होने लगी। वे हर चुनावी सभा में हिस्सा लेने लगी थीं। कई बार उन्होंने चुनाव सभाओं में जनता को संबोधित किया लेकिन संबोधन के दौरान वे हमेशा घूंघट में ही रहीं। हालांकि वे पर्दा प्रथा के खिलाफ थी लेकिन सामाजिक मान मर्यादाओं और पारंपरिक रीति रिवाजों की पक्षधर थीं। इसी के कारण वे घूंघट में रहते हुए ही लोगों से मिलती और अपना संबोधन देती थीं। उनके भाषण आज भी मारवाड़ के लोगों के जहन में हैं।

प्रचार का जिम्मा भी संभाला चित्रा सिंह ने

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब उनके पति कर्नल मानवेंद्र सिंह ने वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन से चुनाव लड़ा था। तब स्वर्गीय चित्रा सिंह हर चुनावी सभा में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाए साथ खड़ी थी। वर्ष 2023 के चुनावों में एक बार ऐसा सुनने में आया कि सिवाना की सीट से चित्रा सिंह को टिकट दिया जा रहा है लेकिन उन्होंने अपने पति को टिकट देने की पैरवी की। सिवाना से मानवेंद्र सिंह ने चुनाव लड़ा था तो उनके चुनाव प्रचार की पूरी कमान चित्रा सिंह ने ही संभाली थी। मारवाड़ के लोग यही मान रहे थे कि दाता हुकुम (जसवंत सिंह जसोल) की राजनैतिक विरासत को अब चित्रा सिंह ही संभालेगी लेकिन नियती को शायद यह मंजूर नहीं था। अलवर के पास दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर हुए सड़क हादसे में चित्रा सिंह की जान चली गई।

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