भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया है. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार मोहम्मद पैगंबर पर विवादित टिप्पणी के बाद उनपर निलंबन की कार्रवाई की गई है.
नई दिल्ली: बीजेपी ने पार्टी प्रवक्ता नुपुर सिंह के बयान के बाद जारी विवाद के बीच उनसे किनारा कर लिया है. अंग्रेजी टीवी चैनल पर डिबेट शो के दौरान पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान के बाद जब समाज में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने लगा और अब कहा जहाँ रहा है कि कानपुर का दंगा इसी बयान के बाद हुआ है इसी बीच अब पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है. साथ ही ये स्पष्ट किया है कि वो धार्मिक एकता में विश्वास रखती है.
बीजेपी का बयान, पार्टी ने करा किनारा
आपको बता दें, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बयान में कहा, भारत की हजारों वर्षोों की यात्रा में हर धर्म पुष्पित-पल्लवित हुआ है. भारतीय जनता पार्टी सर्वपंथ समभाव को मानती है. किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान भाजपा स्वीकार नहीं करती. भारतीय जनता पार्टी को ऐसा कोई भी विचार स्वीकृत नहीं है जो किसी भी धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाए. बीजेपी ना ऐसे किसी विचार को मानती है और ना ही प्रोत्साहन देती है. देश के संविधान की भी भारत के प्रत्येक नागरिक से सभी धर्मों का सम्मान करने की अपेक्षा है. आजादी के 75वें वर्ष में, इस अमृतकाल में, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना निरंतर मजबूत करते हुए, हमें देश की एकता, देश की अखंडता और देश के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है.

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नुपुर शर्मा ने की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी
दरअसल, पिछले दिनों एक निजी न्यूज चैनल की डिबेट में नुपुर शर्मा ने इस्लाम, उसके सिद्धांतों और इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर उनके खिलाफ टिप्पणी की गई थी. जिसके बाद अब देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में मुस्लिम समाज नूपुर शर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.

भाजपा ने नुपुर शर्मा को किया पार्टी से निलंबित
भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया है. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार मोहम्मद पैगंबर पर विवादित टिप्पणी के बाद उनपर निलंबन की कार्रवाई की गई है. इससे पहले पार्टी ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए कथित विवादित बयान से मचे बवाल को शांत करने के प्रयासों के तहत रविवार को कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार नहीं करती.