नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एक और अहम् फैसला लिया है ,देश में चीनी की घरेलू उपलब्धता और कीमत में स्थिरता बनाये रखने के लिये, केंद्र सरकार ने एक जून, 2022 से चीनी निर्यात करने के लिए रोक लगा दी है यह आदेश अगले आदेश तक लागू रहेगा I
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यह जानकारी उपभोगता मंत्रालय के द्वारा दी गई है , मंत्रालय के मुताबिक देश में चीनी की उपलब्धता बनी रहे इसलिए केंद्र सरकार को यह फैसला लेना पड़ा I मंत्रालय ने यह भी कहा की आगे से सरकार 100 लाख मीट्रिक टन तक चीनी निर्यात की अनुमति देगी .
सरकार, चीनी उत्पादन, खपत, निर्यात तथा पूरे देश के थोक और खुदरा बाजार में चीनी की कीमतों के रुझान सहित चीनी सेक्टर के हालात पर कड़ी नजर रख रही है। मौजूदा वर्ष में दुनिया में भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद, पिछले चीनी सीजन 2020-21 के लिये 99.5 प्रतिशत गन्ने का बकाया चुका दिया गया है। इसके अलावा मौजूदा चीनी सीजन 2021-22 में लगभग 85 प्रतिशत गन्ने का बकाया किसानों को जारी कर दिया गया है।
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भारत सरकार घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों को स्थिर रखने के लिये संकल्पित है और पिछले 12 महीनों में चीनी की कीमतें नियंत्रण में हैं। भारत में चीनी की थोक कीमत 3150 रुपये से 3500 रुपये प्रति कुंतल पर कायम है। इसी तरह देश के विभिन्न भागों में चीनी की खुदरा कीमत भी 36 रुपये से 44 रुपये प्रति किलो के बीच बनी हुई है।
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रोक नहीं हटाने पर दुनियाभर में आएगी दिक्कत क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि अगर भारत के उदाहरण को लेते हुए अगर अन्य देश ऐसा कदम उठाते हैं तो दुनियाभर में खाद्य आपूर्ति का संकट आएगा और भुखमरी की दिक्कत आएगी। ऐसे में अगर इस तरह की समस्या होती है तो आईएमएफ को इस समस्या को सुलझाना होता है। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा का कहना है कि अगर वैश्विक स्तर पर खाद्य आपूर्ति ठप होती है तो कई देश हमसे संपर्क करेंगे और हमपर निर्भर होंगे, जिससे आने वाले समय में भुखमरी जैसी समस्या आ सकती है।