बाबा रामदेव को बड़ा झटका, पतंजलि आयुर्वेद के 14 उत्पादों का लाइसेंस रद्द

30 Apr, 2024
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उत्तराखंड आयुष विभाग ने पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित 14 उत्पादों के निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।

• इन उत्पादों में दिव्य गो, दिव्य धन्वंतरि, दिव्य आनंद रस, दिव्य कपीस, दिव्य मधुमेह, दिव्य श्वसन, दिव्य तेजस, दिव्य अमृत, दिव्य स्मृति वर्धक, दिव्य स्नेहन, दिव्य घुटना दर्द निवारक, दिव्य शीतल, और दिव्य संजीवनी शामिल हैं।
• विभाग ने यह कार्रवाई उत्पादों के लेबल पर गलत और भ्रामक दावों के कारण की है।

विभाग का रुख:

• विभाग का दावा है कि इन उत्पादों के लेबल पर किए गए दावे उत्पादों के वास्तविक प्रभावों का गलत प्रतिनिधित्व करते हैं।
• उदाहरण के लिए, दिव्य गो को “गाय के मूत्र से बना एक चमत्कारी टॉनिक” के रूप में विज्ञापित किया जाता है, लेकिन विभाग का कहना है कि इसके पास इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
• विभाग ने पतंजलि आयुर्वेद पर ₹11 लाख का जुर्माना भी लगाया है।

कानूनी परिणाम:

• पतंजलि आयुर्वेद ने विभाग के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।
• कंपनी का तर्क है कि उसके उत्पादों के लेबल वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित हैं और भ्रामक नहीं हैं।
• उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई करेगा और यह तय करेगा कि विभाग का फैसला सही है या नहीं।

व्यापक प्रभाव:

• इस निर्णय का पतंजलि आयुर्वेद पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो भारत की सबसे बड़ी आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता कंपनियों में से एक है।
• कंपनी को इन 14 उत्पादों के निर्माण और बिक्री पर रोक लगा दी गई है, जिससे उसे भारी राजस्व हानि हो सकती है।
• उपभोक्ताओं को भी इस निर्णय से प्रभावित होना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें अब ये उत्पाद नहीं मिलेंगे।
• यह मामला आयुर्वेदिक उत्पादों के विज्ञापन और विनियमन के मुद्दे पर भी प्रकाश डालता है।

निष्कर्ष:
पतंजलि आयुर्वेद के 14 उत्पादों के लाइसेंस रद्द होने का मामला एक महत्वपूर्ण घटना है जो आयुर्वेदिक उद्योग और उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। यह मामला विज्ञापन में किए गए दावों की वैधता और आयुर्वेदिक उत्पादों के विनियमन की आवश्यकता पर भी सवाल उठाता है।
अतिरिक्त जानकारी:
• यह पहली बार नहीं है जब पतंजलि आयुर्वेद पर उसके उत्पादों के विज्ञापनों को लेकर आरोप लगाए गए हैं।
• 2022 में, भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने कंपनी को उसके “कोरोनिल” उत्पाद के विज्ञापनों को भ्रामक और अतिरंजित बताते हुए हटाने का आदेश दिया था।
• पतंजलि आयुर्वेद एक विवादास्पद कंपनी है जिस पर अक्सर उसके उत्पादों और विज्ञापनों को लेकर आरोप लगाए जाते हैं।

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