काबुल एयरपोर्ट पर आईएसआईएस-के के हमले में अपने 13 सैनिकों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार को अमेरिकी सेना ने आतंकी संगठन आईएसआईएस-के ठिकाने को हवाई हमले में निशाना बनाया। हमले में टारगेट (साजिशकर्ता) के मारे जाने की खबर है। इस तरह से अमेरिका ने काबुल ब्लास्ट के 48 घंटे के भीतर अपने 13 सैनिकों की मौत का बदला आईएसआईएस-के से ले लिया।सेना ने अफगानिस्तान में ISIS-K के ठिकानों पर ड्रोन हमला किया है।
अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने कहा कि अमेरिकी सैन्य बलों ने ISIS-K के योजनाकारों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया। मानव रहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नंगहार प्रांत में किया गया। हमले के शुरुआती संकेतों के मुताबिक टारगेट को मार गिराया गया है। उन्होंने कहा कि हमले में किसी नागरिक के हताहत होने की जानकारी नहीं है।
यूएस सेंट्रल कमांड के हेड जनरल फ्रैंक मैंकेजी (Frank McKenzie) ने कहा कि सैनिकों को और ज्यादा अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. बाइडन के सलाहकारों ने कहा है कि अफगानिस्तान में और हमले हो सकते हैं। काबुल में आइएस के हमले के बाद राष्ट्रपति बाइडन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सैन्य अधिकारियों और राजनयिकों के साथ बैठक की है .
बता दें कि बीते बुधवार को काबुल एयरपोर्ट पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोग मारे गए थे. इन धमाकों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (IS-KP) ने ली थी.