अमरिया: किसान ने लेखपाल पर रिश्वतखोरी का आरोप, भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर

24 May, 2024
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अमरिया (उत्तर प्रदेश): पीलीभीत: तहसील अमरिया के गांव भूड़ा कैमोर निवासी किसान लालता प्रसाद ने भूड़ा कैमोर हल्का के लेखपाल पर रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप लगाया है। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ों को उजागर करती है।


आरोपों का क्रॉनिकल:
दो साल पहले, लालता प्रसाद ने जमीन का बैनामा करवाया था।
डेढ़ साल पहले, उन्होंने दाखिल खारिज के लिए हल्का लेखपाल को 4500 रुपए रिश्वत के तौर पर दिए थे।
इसके बावजूद, लेखपाल ने आज तक उनका दाखिल खारिज नहीं किया है।
पिछले दो सालों से, लालता प्रसाद तहसील अमरिया के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
लेखपाल उन्हें टालमटोल करते रहे हैं और अब उन्हें पीलीभीत के वल्लभनगर कॉलोनी में घुमा रहे हैं।


लेखपाल का बचाव: एक खोखला ढाल:
आरोपित लेखपाल ने लालता प्रसाद के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
उनका कहना है कि लालता प्रसाद का दाखिल खारिज का आवेदन विचाराधीन है और जल्द ही उनका दाखिल खारिज कर दिया जाएगा।
यह बचाव एक खोखले ढाल के समान है, जो लालता प्रसाद के ठोस आरोपों और सबूतों का सामना नहीं कर सकता है।

स्थानीय लोगों का आक्रोश: भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट आवाज:
इस घटना से क्षेत्र के किसानों में भारी रोष व्याप्त है।
लोगों का कहना है कि लेखपालों द्वारा किसानों से रिश्वत लेने की घटनाएं आम हो गई हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि लेखपालों द्वारा किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है और उनसे रिश्वत वसूली जाती है।
लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग की है।
यह आक्रोश भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट आवाज है, जो बदलाव की आवश्यकता को दर्शाता है।
प्रशासन का दायित्व: त्वरित कार्रवाई और भ्रष्टाचार का उन्मूलन:
यह घटना एक बार फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को उजागर करती है।
किसानों को अपनी जमीन से जुड़े कार्यों के लिए अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह ज़रूरी है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई करे और किसानों को राहत प्रदान करे।
त्वरित कार्रवाई और भ्रष्टाचार का उन्मूलन प्रशासन का दायित्व है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय और समानता स्थापित हो सके।
निष्कर्ष:
यह घटना ग्रामीण भारत में सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक कड़वी सच्चाई को दर्शाती है। लालता प्रसाद का मामला तो सिर्फ एक उदाहरण है जो सामने आया इस प्रकार केअनेक उदाहरण आप को मिल जायेंगे जो इस समस्या की गंभीरता को उजागर करता है।

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मोहम्मद आरिफ
जिला पीलीभीत

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