डोभाल ने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की वजह से यह फैसला रुका हुआ था. भविष्य की जरूरत को देखते हुए फैसले लेने पड़ते हैं. हालात को देखते हुए संरचना में बदलाव करना होगा. रक्षा क्षेत्र के हर स्तर पर सुधार हो रहा है.
नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा लाई गई ‘अग्निपथ योजना’ पर देशभर में विरोध-प्रदर्शन के बीच आज यानी 21 जून को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सामने आए. डोभाल ने इस अग्निपथ योजना को बदलते समय की जरूरत बताया. एनएसए ने राष्ट्र सुरक्षा के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि, भारत के आसपास माहौल बदल रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता देश को सुरक्षित करना है.

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आज न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि भारत के चारों तरफ माहौल तेजी से बदल रहा है. इसी माहौल को देखते हुए आर्मी की संरचना में बदलाव करना होगा. रक्षा क्षेत्र के हर स्तर पर सुधार हो रहा है. सेना की आधुनिकता के लिए सरकार नए हथियार खरीद रही है. हमें अपनी सेना को विश्व स्तरीय सेना बनाना है.
अजीत डोभाल ने अपनी बातचीत को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जो हम कल कर रहे थे अगर वही भविष्य में भी करते रहेंगे तो ये जरुरी नहीं कि हम सुरक्षित. यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें आज परिवर्तिन करना होगा. इस बदलते माहौल में हमें अग्निपथ योजना की जरुरत थी और ये मांग 20 से 25 साल से लंबित थी.
डोभाल ने यह भी कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की वजह से यह फैसला रुका हुआ था. भविष्य की जरूरत को देखते हुए फैसले लेने पड़ते हैं. हालात को देखते हुए संरचना में बदलाव करना होगा. रक्षा क्षेत्र के हर स्तर पर सुधार हो रहा है. सेना की आधुनिकता के लिए सरकार नए हथियार खरीद रही है. हमें अपनी सेना को विश्व स्तरीय सेना बनाना है.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने आगे कहा कि अग्निवीर कभी भी पूरी सेना का गठन नहीं करेंगे. जो अग्निवीर नियमित होते जाएंगे, वे गहन प्रशिक्षण से गुजरते रहेंगे. समय के साथ उन्हें अनुभाव प्राप्त होगा. साथ ही कोई भी रेजिमेंट की अवधारणा के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहा है. रेजिमेंटल सिस्टम खत्म नहीं हुआ है.
युवा के विरोध पर क्या बोले, अजित डोभाल?
हर विरोध गलत मंशा से ही नहीं हो रहा है. कई लोग जो चिंता जता रहे हैं, उन्होंने देश के लिए अपनी जान की बाजी भी लगाई थी. उन्हें एक अनजाना भय है. उन्हें लगता है कि इतना बड़ा बदलाव से बहुत ज्यादा गड़बड़ न हो जाए. वो चाहते हैं. भारतीय सेना दिन-ब-दिन मजबूत बने और इसके कमजोर होने का कोई खतरा नहीं रहे. इस कारण वो यथास्थिति बनाए रखना चाहते हैं. विरोध करने वाला एक दूसरा वर्ग है जिसे न देशहित का ख्याल है और न वह देश के लिए सोचता है.
मैं सुरक्षा क्षेत्र में पिछले 50 वर्षों से सेवा दे रहा हूं. मैं अपने अनुभवों के आधार पर दावे के साथ कह सकता हूं कि समाज में शांति तभी होती है जब नागरिक कानून का पालन करते हैं और ये नवयुवक सेना का अनुशासन सीखकर लौटे अग्निवीर न केवल कानून का सबसे ज्यादा सम्मान करेंगे बल्कि पूरे समाज पर भी अपनी छाप छोड़ेंगे. इसलिए यह कहना कि अग्निवीर समाज के लिए घातक हो सकते हैं, यह बिल्कुल उल्टा है. वो समाज की शांति के गारंटी देंगे.
Edited By: Deshhit News