LPG और पेट्रोल के बाद अब दिल्ली वालों को महंगी बिजली का झटका ! जानें इस महीने से कितना बढ़ जाएगा आपका बिल

11 Jul, 2022
Sachin
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बिजली क्षेत्र के इंजीनियरों के एक निकाय ने सरकार से संसद के आगामी मॉनसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक जल्दबाजी नहीं करने को कहा है. ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को लिखे पत्र लिखकर कहा कि प्रस्तावित कानून को सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाए.

नई दिल्ली: दिल्ली में बिजली की लागत जून के मध्य से उपभोक्ताओं पर बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बढ़ गई है. इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को दी है. बिजली विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी के बाद ही कोयले और गैस जैसे ईंधन की कीमतों में वृद्धि की है. इस कारण बिजली के दामों में भी बढ़ोतरी की गई है.  

दिल्ली में बिजली की लागत जून के मध्य से उपभोक्ताओं पर बिजली खरीद पीपीएसी में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बढ़ गई है

डीईआरसी की ओर से नहीं कोई प्रतिक्रिया

हालांकि, इस संबंध में डीईआरसी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है. अब पीपीएसी में हुई बढ़ोतरी के कारण बिजली बिल में लगभग 2 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. आपको बता दें कि PPAC बाजार संचालित ईंधन लागत में भिन्नता के लिए डिस्कॉम को क्षतिपूर्ति करने के लिए एक अधिभार है.

कोयले और गैस की कीमतों में वृद्धि

पीएसी उपभोक्ताओं पर बाजार संचालित ईंधन लागत (कोयला और गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण अतिरिक्त लागत) में भिन्नता के कारण डिस्कॉम को क्षतिपूर्ति करने के लिए एक अधिभार है. यह हर बिल पर लगाया जाता है और दिल्ली में, केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आदेशों के मुताबिक, इस अधिभार को त्रैमासिक आधार पर संशोधित किया जाना है. माना जाता है कि बिजली खरीद लागत वितरण कंपनियों के द्वारा किए गए कुल लागत का लगभग 80 फीसदी है.

PPAC की कीमत कब कितनी बढ़ी

जल्दबाजी में पेश नहीं करें बिजली विधेयक

बिजली क्षेत्र के इंजीनियरों के एक निकाय ने सरकार से संसद के आगामी मॉनसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक जल्दबाजी नहीं करने को कहा है. ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को लिखे पत्र लिखकर कहा कि प्रस्तावित कानून को सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाए और उसके बाद ही संसद में बिल पेश किया जाए. एआईपीईएफ ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसकी मांग है कि हाल में जारी बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को मानसून सत्र में जल्दबाजी में पेश नहीं करना चाहिए और इस पर बिजली उपभोक्ताओं, बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के साथ विस्तार के साथ चर्चा करनी चाहिए.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के कर्मचारियों ने लिखा पत्र

क्यों लगाया जाता है PPAC

ईंधन की कीमतों में वृद्धि को ऑफसेट करने के लिए PPAC लगाया जाता है. PPAC को बढ़ाने का निर्णय इंपोर्टेड कोयले के सम्मिश्रण, गैस की कीमतों में बढ़ोतरी और बिजली एक्सचेंजों में उच्च कीमतों पर आधारित होती है. डिस्कॉम अधिकारी ने दावा किया कि 2002 के बाद से दिल्ली डिस्कॉम के लिए बिजली खरीदने की लागत में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. माना जाता है कि ये एक ऐसी लागत है, जिस पर डिस्कॉम का कोई नियंत्रण नहीं है, जबकि इसी अवधि में खुदरा शुल्क में लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

Edited By: Deshhit News

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