सरकार से मिली सूचना के अनुसार कमेटी ने फैसला किया है कि गोमूत्र की कीमत 4 रुपये प्रति लीटर होगी. सीएम के मुख्य सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि अभी इसपर मुख्यमंत्री की सहमति बाकी है. उन्होंने आगे कहा कि गोमूत्र ग्राम गौथन समिति के जरिए खरीदा जाएगा.
छत्तीसगढ़: अब छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार गोमूत्र खरीदने की योजना में जुट गई है. बताया जा रहा है कि बघेल सरकार किसानों और पशु मालिकों से गोमूत्र की खरीदारी करेगी. यहां अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि इस योजना के तहत पायलट प्रोजक्ट की शुरुआत राज्य के उत्तरी जिलों से अगले कुछ हफ्तों से शुरू हो जाएगी. गौरतलब है कि राज्य सरकार पहले से ही किसानों से गोबर खरीद रही है ताकि पशुपालन को आर्थिक लाभ वाले व्यापार से जोड़ा जा सके.
जानकारी के अनुसार इसी साल फरवरी के महीने में सरकार ने गोमूत्र की खरीदारी करने का निर्णय लिया था. जिसकेसीएम बघेल ने एक कमेटी भी गठित कर यह जिम्मा दिया गया था कि वो गोमूत्र खरीदारी के तरीके और इस पूरी योजना पर रिसर्च करे. अब कमेटी ने एक प्रोपोजल तैयार किया है जिसे जल्दी ही मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा और आने वाले समय में इस योजना को प्रदेश भर में लागू किया जाएगा.

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गोमूत्र की कितनी होगी कीमत
सरकार से मिली सूचना के अनुसार कमेटी ने फैसला किया है कि गोमूत्र की कीमत 4 रुपये प्रति लीटर होगी. सीएम के मुख्य सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि अभी इसपर मुख्यमंत्री की सहमति बाकी है. उन्होंने आगे कहा कि गोमूत्र ग्राम गौथन समिति के जरिए खरीदा जाएगा. खरीद योजना के तहत जो गौथन पहले मांगेगा उसे प्राथमिकता दी जाएगी. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि सरकार इस योजना को 28 जुलाई को लॉन्च कर सकती है. आपको मालूम हो कि इस दिन यहां स्थानीय त्योहार हेरेली मनाया जाता है.
सरकार के कुछ अधिकारियों ने बताया है कि इस योजना के तहत एक पायलट प्रोजक्ट की शुरुआत की जाएगी और इसकी शुरुआत राज्य के उत्तरी जिलों से अगले कुछ हफ्तों में की जाएगी. सरकार अगर इस योजना को लागू करती है तो इससे पशुपालन को आर्थिक लाभ मिलेगा और साथ ही उनके एक बड़े व्यापार से भी जोड़ा जा सकेगा.

बघेल सरकार का दावा, उन्होंने बड़ीमात्रा में ख़रीदा गोबर
बघेल सरकार का दावा है कि उन्होंने काफी मात्रा में किसानों से गोबर खरीदा है. जिससे सरकार अब वर्मिकंपोस्ट बना सकती है. मीडिया की खबरों से पता चला है कि अब गोमूत्र का इस्तेमाल जैविक कीटनाशक बनाने में किया जाएगा. जैविक कीटनाशक राज्य में कई जगहों पर पहले से भी बनाए जा रहे हैं. अब सरकार इसे संगठित रूप देना चाहती है.
Edited By: Deshhit News