दो दिन पहले इसी इलाके में, एक शिक्षण संस्थान को निशाना बनाकर कई विस्फोट किए गए थे. इन बम धमाकों में कम से कम छह बच्चों की मौत हो गई थी और 17 अन्य जख्मी हुए थे. ये धमाके काबुल के पास शिया बहुल इलाके दश्त-ए-बारची में अब्दुल रहीम शहीद हाई स्कूल के अंदर और मुमताज एजुकेशन सेंटर के निकट हुए थे.
नई दिल्ली: उत्तरी अफगानिस्तान में स्थित एक मस्जिद में गुरुवार को विस्फोट हो गया. मीडिया खबरों के अनुसार इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई और 65 जख्मी बताए जा रहे हैं. न्यूज एजेंसी एपी को यह जानकारी अस्पताल के उच्च अधिकारियों ने दी है. लेकिन दूसरी ओर अफगानिस्तान की मीडिया “टोलो न्यूज”ने ट्वीट कर इस घटना की जानकारी देते हुए लिखा कि विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई है और लगभग 65 लोग जख्मी हैं. इस घटना की जानकारी सबसे पहले तालिबान के कमांडर ने दी थी.

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पहले भी हुए विस्फोट
दो दिन पहले इसी इलाके में, एक शिक्षण संस्थान को निशाना बनाकर कई विस्फोट किए गए थे. इन बम धमाकों में कम से कम छह बच्चों की मौत हो गई थी और 17 अन्य जख्मी हुए थे. ये धमाके काबुल के पास शिया बहुल इलाके दश्त-ए-बारची में अब्दुल रहीम शहीद हाई स्कूल के अंदर और मुमताज एजुकेशन सेंटर के निकट हुए थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ऐसा स्कूल के अंदर आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया. स्कूल में लगभग 1,000 छात्र पढ़ते हैं.
समाचार एजेंसी के अनुसार
समाचार एजेंसी एएफपी ने बल्ख प्रांत के सूचना और संस्कृति विभाग के प्रमुख जबीहुल्लाह नूरानी का हवाला देते हुए बताया कि प्रारंभिक रिपोर्टों से पुष्टि होती है कि कम से कम 25 लोग हताहत हुए है.

यह घटना पश्चिमी काबुल के एक हाई स्कूल में तीन विस्फोटों के बाद हुई है, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए और बच्चे घायल हो गए हैं. पड़ोस में कई निवासी शिया हजारा समुदाय के हैं, एक जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक जिसे अक्सर इस्लामिक स्टेट सहित सुन्नी आतंकवादी समूहों द्वारा निशाना बनाया जाता है.
तालिबान पर उठे सवाल
जब से अफगानिस्तान में तालिबानी की सत्ता काबिज हुई है विस्फोट व हमलों की घटनाएं रोजाना हो गईं हैं. यह जानकारी स्थानीय तालिबान कमांडर ने दी. खोरासान में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने पहले स्कूलों को निशाना बनाया था साथ ही शिया बहुल इलाके दश्त-ए-बार्ची पर भी हमले किए थे. पिछले महीने मार्च में कंधार में राकेट विस्फोट हुआ था जिसमें कम से कम चार बच्चों की मौत हो गई थी. तालिबान के आने के बाद से ही अफगानिस्तान में युद्धग्रस्त जैसी स्थिति पैदा हो गई और केवल राकेट व मिसाइलों के हमले हो रहे हैं.

अफगानिस्तान में जरुरत से ज्यादा हमले
अफगानिस्तान में जब से तालिबानियों की सरकार बनी है तब से ही वहां पर आतंकवादी हमलो कीसंख्या बढ़ गई है अब ऐसे में ये कहा जा रहा है कि ये एक विशेष समुदाय को टारगेट करके हमले किए जा रहे हैं. अब ऐसे में आम लोग भी सरकार पर सवाल उठाने लग गये है कि इस हमले की साजिश के पीछे खुद तालिबानी सरकार है.