एक्टर प्रकाश राज ने कहा- ‘सनातन धर्म का मिटना जरूरी’, दोहराया उदयनिधि का बयान।

11 Sep, 2023
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Prakash Raj : अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले एक्टर प्रकाश राज ने सनातन धर्म को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने सनात धर्म को डेंगू बीमारी की तरह बताते हुए कहा कि इसे खत्म किया जाना जरूरी है। वैसे ही यह पहला मौका नहीं है जब प्रकाश राज ने सनातन धर्म को लेकर विवादित दिया है।

इससे पूर्व भी वे तनातन कहकर सनातन धर्म का मजाक उड़ा चुके हैं। चंद्रयान-3 को लेकर भी उन्होंने विवादित बयान दिया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे और प्रमुख नेता उदय निधि स्टालिन की बातों का समर्थन करते हुए प्रकाश राज ने यह विवादित बयान दिया है।

दोहराया उदयनिधि का बयान

प्रकाश राज ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को दोहराते हुए कहा कि सनातन डेंगू बुखार की तरह है और इसे मिटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 8 साल के बच्चे को धर्म से जोड़ना ही सनातन धर्म है. राज ने एक मुस्लिम बस कंडक्टर का मुद्दा भी उठाया, जिसे एक महिला ने अपनी टोपी उतारने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि हर किसी को इस देश में रहना चाहिए.

ऐसे समय में जब सनातन धर्म पर वामपंथी और हिन्दू विरोधी ताकतों द्वारा सार्वजनिक रूप से हमले हो रहे हैं। अक्सर हिन्दू विरोधी बयानों से चर्चा में रहने वाले अभिनेता प्रकाश राज ने आग में घी डालने का काम करते हुए न सिर्फ सनातन धर्म विरोधी बयान दिए बल्कि यह भी कहा कि जो लोग सनातन धर्म को कायम रखने पर आक्रामक तरीके से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं।

दरअसल, रविवार शाम को कलबुर्गी के एस.एम. पंडित रंगमंदिर में लेखकों, कलाकारों और एक्टिविस्टों के साथ एक कार्यक्रम में बातचीत करते हुए प्रकाश राज ने कहा, “जो लोग सनातन धर्म और हिंदुत्व को कायम रखने पर आक्रामक रूप से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं। वे खुद को हिंदुत्व के ठेकेदार के रूप में पेश करते हैं। हमें उन्हें बताना होगा कि वे अपने राजनीतिक गलत इरादों को आगे बढ़ाने के लिए बोल रहे हैं। लोगों को इसे अवश्य समझना चाहिए और मुझे आशा है कि वे समझेंगे।”

इसी कार्यक्रम में प्रकाश राज ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को दोहराते हुए कहा कि सनातन डेंगू बुखार की तरह है और इसे मिटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 8 साल के बच्चे को धर्म से जोड़ना ही सनातन धर्म है। प्रकाश राज ने एक मुस्लिम बस कंडक्टर की कहानी भी सुनाई कि कैसे एक महिला ने उसे मुस्लिम टोपी उतारने को कहा। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस देश में रहना चाहिए। 

इतना ही नहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रकाश राज ने अपने हिन्दू धर्म विरोधी बातों के समर्थन में कई दलीलें दी। उन्होंने कहा, “छुआछूत की मानसिकता अभी भी है। यह सिर्फ इसलिए दूर नहीं हुआ है क्योंकि वहाँ एक नियम है और यह कानून के खिलाफ है। कर्नाटक में, एक मुस्लिम बस कंडक्टर था जिसने अपनी धार्मिक टोपी पहन रखी थी।

एक महिला ने उससे इसे हटाने को कहा। ऐसे बोलने वाले और भी लोग होंगे। वहाँ आस-पास कौन से लोग थे जो ऐसा करते हुए देख रहे थे? कल एक कंडक्टर इयप्पा माला (धार्मिक माला) पहनेगा तो क्या आप उन्हें एक कंडक्टर के रूप में देखेंगे या उनकी भक्ति के रूप में? एक कंडक्टर वह भी होगा जो हनुमान टोपी पहनेगा और प्रार्थना करेगा। क्या हर कोई अपने कपड़े उतार कर बैठ सकता है? सभी को अपने धर्म का पालन करना चाहिए। इस देश में सभी को जीवित रहना चाहिए ना? समाज में सभी को रहना चाहिए।” 

प्रकाश राज ने दक्षिणपंथी विचारधाराओं को वैज्ञानिक स्वभाव के विकास के लिए बाधक बताते हुए कहा कि वे हमेशा सभी के लिए समान शिक्षा की अवधारणा को हतोत्साहित करते हैं क्योंकि वे इसे कायम रखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, “वे वैज्ञानिक सोच को फैलने नहीं देते। वे गरीबी और अशिक्षा को बरकरार रखना चाहते हैं। उन्होंने कभी भी समान शिक्षा की माँग नहीं की, क्योंकि वे जानते हैं कि अगर लोग शिक्षित हो गए और गरीबी से बाहर आ गए, तो वे सवाल करना शुरू कर देंगे।”

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