जिस मिसाइल ने लिया 26 हिंदुस्तानियों की मौत का बदला, कितना खास है वो हथियार, Operation Sindoor में क्यों इसी का किया गया इस्तेमाल, जानें पूरी डिटेल​जिस मिसाइल ने लिया 26 हिंदुस्तानियों की मौत का बदला, कितना खास है वो हथियार, Operation Sindoor में क्यों इसी का किया गया इस्तेमाल, जानें पूरी डिटेल ​जिस मिसाइल ने लिया 26 हिंदुस्तानियों की मौत का बदला, कितना खास है वो हथियार, Operation Sindoor में क्यों इसी का किया गया इस्तेमाल, जानें पूरी डिटेल 

07 May, 2025
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India News (इंडिया न्यूज),Operation Sindoor:पहलगाम हमले के 15 दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। भारत ने देर रात पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी कैंपों पर हवाई हमले किए। भारत ने जिन 9 जगहों पर हवाई हमले किए हैं, ये वही जगहें हैं जहां से जैश-ए-मोहम्मद ने भारत पर आतंकी हमले की साजिश रची थी। हमले में स्कैल्प मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है। मंगलवार देर रात भारतीय वायुसेना के राफेल से स्कैल्प मिसाइलें दागी गईं। स्कैल्प मिसाइलें अपनी लंबी दूरी के लिए जानी जाती हैं और दुश्मन के ठिकाने को निशाना बनाकर तबाही मचाती हैं। दुश्मन के ठिकाने को निशाना बनाने का तरीका अलग है। आइए जानते हैं स्कैल्प मिसाइल कितनी अलग है, कैसे हमला करती है और कितनी दूर तक तबाही मचाती है।

स्कैल्प मिसाइल का पावर

स्कैल्प मिसाइल को यूरोपीय कंपनी एमबीडीए ने विकसित किया है। यह यूरोप की एक बहुराष्ट्रीय रक्षा कंपनी है। इस मिसाइल को 90 के दशक के आखिर में यूके की रॉयल एयर फोर्स और फ्रांस की एयर फोर्स के लिए डिजाइन किया गया था। यह मिसाइल अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाकर तबाही मचाने के लिए जानी जाती है। सटीक निशाना लगाने के लिए इसमें एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है जो जीपीएस और एडवांस तकनीक से मिले डेटा का इस्तेमाल कर जबरदस्त तबाही मचाता है। दावा है कि यह इतना शक्तिशाली है कि खराब मौसम भी इसकी क्षमता को प्रभावित नहीं कर पाता।

क्या है खासियत?

स्कैल्प मिसाइल 560 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधती है। इसकी खासियत यह भी है कि इसे कई एयरक्राफ्ट प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है। इनमें राफेल, मिराज 2000, यूरोफाइटर टाइफून, टॉरनेडो जीआर4 शामिल हैं। भारत ने राफेल से हवाई हमला करते हुए स्कैल्प मिसाइल दागी थी। स्कैल्प मिसाइल बनाने वाली कंपनी एमबीडीए के मुताबिक, इसमें लगा इंफ्रारेड कैमरा अपने लक्ष्य की तस्वीरों और पहले से मौजूद तस्वीरों का मिलान करता है। दोनों तस्वीरों का मिलान करने के बाद यह लक्ष्य पर घात लगाकर हमला करता है। यही वजह है कि इसका निशाना सटीक होता है। यह लक्ष्य से भटकता नहीं है।

इन देशों में हो चुका है इसका इस्तेमाल

रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध में इस मिसाइल का कई बार इस्तेमाल किया गया था। 1300 किलोग्राम वजनी इस मिसाइल को ज्यादातर राफेल या ब्रिटेन के यूरोफाइटर टाइफून से लॉन्च किया जाता है। इसका इस्तेमाल इराक, लीबिया और सीरिया में भी हो चुका है।

भारतीय सेना ने दी जानकारी

हमले से पहले भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट किया था। सेना ने अपनी पोस्ट में लिखा था- प्रहारय सन्निहितः, जय प्रतिष्ठाः और हमला करने के लिए तैयार, जीतने के लिए प्रशिक्षित। पोस्ट का मतलब साफ था कि पहलगाम हमले का बदला आज ही लिया जाएगा। हमले के बाद भारतीय सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी थी, यही वजह है कि शीर्ष अधिकारी लगातार इसको लेकर बैठकें कर रहे थे।

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