नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया गया प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम की, स्टील की एक संरचना बनाई गई है. उन्होंने बताया कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन की छत पर स्थापित किए गए राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया और साथ ही प्रधानमंत्री ने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से बातचीत की. कांसे के बने 9,500 किग्रा वजनी और 6.5 मीटर ऊंचे प्रतीक का अनावरण करने के बाद वह श्रमिकों से मिले. श्रमिक हाथ जोड़कर खड़े थे, पीएम से मुलाकात के लिए बीच में एक रस्सी की लक्ष्मण रेखा खींची गई थी. जहाँ दूसरी ओर श्रमिकों को खड़ा होना था, रस्सी के इस पार पीएम मोदी. हालांकि जैसे ही पीएम पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले उस दीवार को हटा दिया और श्रमिकों के करीब जाकर बातचीत की. इसके जरिए पीएम ने श्रमिकों को बड़ा संदेश भी दिया. बाद में उन्होंने लगभग 2 मिनट का वीडियो शेयर कर संसद बनाने वाले लोगों को श्रमजीवी कहकर संबोधित किया.
प्रतीक को सहारा देने के लिए स्टील की संरचना बनाई
नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया गया प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम की, स्टील की एक संरचना बनाई गई है. उन्होंने बताया कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया है. इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है.

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बताया जा रहा है कि जनवरी में सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (CPWD) ने नए संसद भवन के निर्माण की लागत में होने वाली वृद्धि के लिए लोकसभा सचिवालय से मंजूरी मांगी थी. सूत्रों की खबर के मुताबिक, इस वृद्धि के बाद संसद भवन का बजट 1200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है.

इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी खर्च बढ़ने की संभावना जताई गई है. दरअसल, संसद भवन में मॉर्डन ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम लगाया जा रहा है. इसके अलावा सभी सांसदों की टेबल पर टैबलेट की व्यवस्था भी की जाएगी. इसी तरह से मंत्रियों के चेंबर और मीटिंग रूम में उच्च तकनीक वाले डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा.
इमारत बना रहे या इतिहास?
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पीएम श्रमिकों से पूछते हैं, अच्छा आप लोगों को क्या लगता है इमारत बना रहे हैं या इतिहास बना रहे हैं? एकसुर में वे बोलते हैं- इतिहास. पीएम कहते हैं- सबको मालूम है. सभी हां में सिर हिलाते हैं. वहीं, पीएम अपने अंदाज में बात करते हुए पूछते हैं कि काम करने में क्या फर्क है, मकान बनाते हैं और संसद भवन बना रहे है?
टाटा को दिया गया प्रोजेक्ट
2020 में नया संसद भवन बनाने का प्रोजेक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स को 971 रुपए करोड़ में मिला था. सरकार ने भवन के लिए अक्टूबर 2022 की समय सीमा निर्धारित की थी. लेकिन इस साल नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन इस कार्य को पूरा होने में अभी थोड़ा और समय लगने की आशंका जताई जा रही है.
Edited By: Deshhit News