सेना की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पर भड़के युवा, जानें क्या कह रहे हैं

15 Jun, 2022
Sachin
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युवाओं को ट्रेनिंग देने वाले एक टीचर ने कहा कि इस घोषणा से लड़कों में बहुत गुस्सा है. इतने समय से ट्रेनिंग कर रहे हैं कि देश की सेवा करेंगे, लेकिन कब करेंगे. क्या चार साल के लिए ये सैनिक बनना चाहेंगे. चार साल में डेढ़ साल तो ट्रेनिंग हो गई क्या ये ढाई साल के लिए सैनिक बनेंगे.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को सशस्त्र बलों की भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ नामक एक नई योजना लॉन्च की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस योजना को लांच करने के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना हमारी आर्म्ड फोर्सेस में परिवर्तन लाकर उन्हें पूरी तरह आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित बनाएगा. इस योजना के तहत अब युवाओं की भर्ती 4 साल के लिए की जाएगी, मीडिया के हवाले से मिली ख़बरों के अनुसार इस  योजना को लेकर देशभर में नाराजगी जताई जा रही है. पटना के गांधी मैदान में आर्मी की तैयारी करने आने वाले युवाओं में इस योजना को लेकर काफ़ी आक्रोश है.

एक युवा ने तो यहाँ तक कह दिया कि बस चार साल. चार साल की नौकरी के बाद वह क्या करेगा. पेमेंट भी बहुत कम है. 4 साल बाद  सिर्फ 12 लाख रुपये देंगे. उससे क्या होगा? 30 हजार में क्या घर चल जाएगा. एक ने कहा कि चार साल बाद जॉब मिलने की क्या गारंटी रहेगी. कहीं जॉब ना मिली तो. नौकरी की कोई सिक्योरिटी नहीं. नौकरियों में कम से कम 20-30 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाए जो अग्निपथ से युवा 4 साल पूरे करके निकले. तब भी कुछ समझ आता है. वरना युवा कहां भटकेगा.

एक युवा ने कहा कि बस चार साल. चार साल की नौकरी के बाद वह क्या करेगा, 4 साल बाद  सिर्फ 12 लाख रुपये देंगे

और यह भी पढ़ें- रक्षा मंत्री ने की ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ की घोषणा, अब युवाओं को मिलेगा सेना में शॉर्ट टर्म रोजगार

एक अन्य युवा ने कहा कि इससे युवाओं की देशभक्ति की भावना पर असर पड़ेगा. 4 साल जॉब करके युवा वापस घर आ जाए इससे शर्मनाक की बात क्या होगी. आर्मी की ट्रेनिंग के साथ भी तो वह बेरोजगारी और खाली बैठकर वह भटक सकता है. अग्निपथ वालों के लिए अलग से चार साल बाद भी नौकरी की कुछ व्यवस्था हो जाए तो युवा उसके हिसाब से तैयारी कर सकता है, लेकिन अभी जो वर्तमान में सरकार ने दिशा-निर्देश दिए हैं, वो कहीं से भी उचित नहीं है.

एक युवक ने कहा कि इस योजना से युवाओं की देशभक्ति की भावना पर असर पड़ेगा

एक युवक ने कहा कि इस घोषणा में सीधे-सीधे युवाओं को मूर्ख बनाया जा रहा है. ट्रेनिंग के बाद नौकरी और उसके बाद घर भेज देंगे… नौकरी न मिली और उम्र निकल गई तो कहां जाएंगे युवा. ऐसे में आर्मी में जाने से क्या फायदा है. इससे अच्छा तो स्टेट पुलिस है. बढ़िया से तैयारी करके नौकरी तो अपनी स्टेट में मिलेगा.

युवाओं को ट्रेनिंग देने वाले एक टीचर ने कहा कि इस घोषणा से लड़कों में बहुत गुस्सा है. इतने समय से ट्रेनिंग कर रहे हैं कि देश की सेवा करेंगे, लेकिन कब करेंगे. क्या चार साल के लिए ये सैनिक बनना चाहेंगे. चार साल में डेढ़ साल तो ट्रेनिंग हो गई क्या ये ढाई साल के लिए सैनिक बनेंगे. चार साल बाद क्या करेंगे. ये तो जीवनभर सैनिक रहना चाहते हैं. क्या चार साल में देश सेवा हो जाएगी. ये युवा रोजगार और देशसेवा दोनों के लिए सेना में जा रहे थे.

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