महाराष्ट्र में हो रही हिंसा पर महाविकास अघाड़ी ने पल्ला झाड़ लिया है. कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा, MVA हिंसा का समर्थन नहीं करती है. यहां वफादार शिवसैनिकों के बीच नाराजगी है.
महराष्ट्र: महाराष्ट्र में राजनीतिक घमसान के बीच डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने अविश्वास प्रस्ताव वापिस कर दिया है. इससे बागी गुट को बड़ा झटका लगा है. एकनाथ शिंदे गुट अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की ओर जाने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि आगे की रणनीति तय करने के लिए गुवाहाटी स्थित रेडिशन ब्लू होटल में शिंदे के साथ बागी विधायकों की बैठक हो रही है.
मीडिया की ख़बरों की माने तो शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शनिवार यानी 25 जून को पार्टी के बागी विधायक तानाजी सावंत के एक कार्यालय में तोड़फोड़ की, जो इस समय एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हैं. बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं का एक समूह आज सुबह कटराज इलाके में स्थित भैरवनाथ शुगर वर्क्स के कार्यालय में घुस गया और सावंत के कार्यालय को पूरा क्षतिग्रस्त कर दिया. शिवसेना के पार्षद विशाल धनवाड़े ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ तो बस एक शुरुआत है. बागी विधायक के कार्यालय को आने वाले दिनों में तोड़ दिया जाएगा.

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MVA ने हिंसा से पल्ला झाड़ा
महाराष्ट्र में हो रही हिंसा पर महाविकास अघाड़ी ने पल्ला झाड़ लिया है. कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा, MVA हिंसा का समर्थन नहीं करती है. यहां वफादार शिवसैनिकों के बीच नाराजगी है, जो वफादारी बदलने वाले स्थानीय विधायकों के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. यह कानून और व्यवस्था की स्थिति नहीं है.
मुंबई में धारा 144 लागू
मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है. सभी नेताओं, विधायक, नगरसेवक शाखा प्रमुख के दफ्तर पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा दी है. कमिश्नर की बैठक में ये निर्णय लिया गया है कि सभी राजनीतिक दलों के नेता पुलिस से समन्वय बनाकर चले और किसी तरह की कोई हिंसा, पोस्टरबाजी और बैनरबाजी न करें और साथ ही सभी लोग पुलिस के साथ शांति व्यवस्था बनाने में सहयोग करें. जानकारी के मुताबिक, 10 जुलाई तक शहर में धारा 144 लागू रहेगी. साथ ही इस दौरान सोशल मीडिया पर भी पुलिस की कड़ी निगरानी रखी जा रही है. कई जगहों पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बागी नेताओं के ठिकानों पर हमले किए है जिसके बाद पुलिस द्वारा यह फैसला लिया गया है.

उद्धव ठाकरे का शिंदे पर निशाना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपनी सरकार पर मंडराते राजनीतिक संकट से लड़ने के दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि विद्रोही नेता का बेटा लोकसभा सांसद बना बैठा है, तो क्या उनके बेटे आदित्य ठाकरे को राजनीतिक रूप से आगे नहीं बढ़ने का अधिकार नहीं है. फिलहाल दोनों पक्ष ने चार दिन पुराने गतिरोध को तोड़ने के लिए पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिये हैं. ठाकरे ने कहा कि शिंदे को शहरी विकास का प्रमुख विभाग दिया गया था, जो आमतौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास रहता है.
Edited By: Deshhit News